पंचतंत्र के अनोखे नाटक
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- Book Details
“पंचतंत्र की चुनिंदा कथाओं पर आधारित रोचक और चुस्त-दुरुस्त और नाटकों की इस पुस्तक में रंग-रंग के नाटक हैं जिनमें कहीं मीठी सीख है, तो कहीं हास्य-विनोद के छींटे। ज्यादातर नाटकों के पात्र वन्य पशु ही हैं, पर देखा जाए तो उनमें खुद हमारे जीवन की भी झलक है। इसलिए वे हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
फिर मजे की बात यह है कि पंचतंत्र के ये नाटक गज्जू दादा जंगल के जानवरों के बीच पेश कर रहे हैं। हवा दीदी उस जंगल से गुजरती है, तो इन नाटकों को देखने के लिए ठिठककर खड़ी हो जाती है। बाद में वह शहर आकर निष्ठका, निष्ठकी और दूसरे बच्चों के आगे बड़े खिलंदड़े अंदाज में ये मजेदार नाटक पेश करती है। इससे इन नाटकों में और भी अधिक रस आ गया और ये आज के बच्चों से भी सीधे-सीधे जुड़ गए हैं।
‘पंचतंत्र के अनोखे नाटक में पहली बार पंचतंत्र के इतने अधिक रँगारंग और रसपूर्ण नाटक एक पुस्तक की शष्ठल में सामने आ रहे हैं। उश्वमीद है, अनोखे बाल नाटकों की यह पुस्तक बच्चों को एक अनमोल धरोहर जैसी लगेगी, जिसे वे हमेशा सँभालकर रखेंगे।”
Additional information
Author | Prakash Manu |
---|---|
ISBN | 9789350838723 |
Pages | 151 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Power Learning |
ISBN 10 | 9350838729 |
“पंचतंत्र की चुनिंदा कथाओं पर आधारित रोचक और चुस्त-दुरुस्त और नाटकों की इस पुस्तक में रंग-रंग के नाटक हैं जिनमें कहीं मीठी सीख है, तो कहीं हास्य-विनोद के छींटे। ज्यादातर नाटकों के पात्र वन्य पशु ही हैं, पर देखा जाए तो उनमें खुद हमारे जीवन की भी झलक है। इसलिए वे हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
फिर मजे की बात यह है कि पंचतंत्र के ये नाटक गज्जू दादा जंगल के जानवरों के बीच पेश कर रहे हैं। हवा दीदी उस जंगल से गुजरती है, तो इन नाटकों को देखने के लिए ठिठककर खड़ी हो जाती है। बाद में वह शहर आकर निष्ठका, निष्ठकी और दूसरे बच्चों के आगे बड़े खिलंदड़े अंदाज में ये मजेदार नाटक पेश करती है। इससे इन नाटकों में और भी अधिक रस आ गया और ये आज के बच्चों से भी सीधे-सीधे जुड़ गए हैं।
‘पंचतंत्र के अनोखे नाटक में पहली बार पंचतंत्र के इतने अधिक रँगारंग और रसपूर्ण नाटक एक पुस्तक की शष्ठल में सामने आ रहे हैं। उश्वमीद है, अनोखे बाल नाटकों की यह पुस्तक बच्चों को एक अनमोल धरोहर जैसी लगेगी, जिसे वे हमेशा सँभालकर रखेंगे।”
ISBN10-9350838729