Andhkar Se Prakash Ki Aur Hindi

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राधेश्याम जी का जन्म मुजफ्रपफरनगर ;उ.प्र.द्ध, गांव काकड़ा में 1 अक्टूबर 1931 को हुआ। वह राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्रा में सक्रिय रहे हैं तथा आपका समाजवादी चिंतन रहा है। कार्ल माक्र्स, गांधी, स्वामी विवेकानंद और अंबेडकर से वह प्रभावित रहे हैं। वह जन-आंदोलनों की आवाज़ उठाने में हमेशा अग्रणी रहे हैं। वे अनेक संस्थाओं से संबंधित रहे हैं और उनके निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा है।
आप इंस्टीट्यूट आॅपफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ;1975द्ध के निदेशक के रूप में लगभग 1500 स्व-निर्मित उद्योगपतियों पर पुस्तकों की संरचना की है, जिनके 21 विभाग हैं। इनका विमोचन समय-समय पर आयोजित, आर्थिक-विकास सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों एवं गवर्नरों द्वारा किया गया था। गुणवत्ता के स्तर पर इन्होंने चार पुस्तकों का संकलन किया है। इन्होंने भामाशाह पर 1986 में पुस्तक लिखी थी, जिसे पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने लोकार्पित किया। इन्होंने राष्ट्रीय एकता पर भारतीय एकता परिषद् संस्था के महासचिव के रूप में 12 अप्रैल, 1969 को राष्ट्रीय एकता प्रदर्शनी लगायी थी, जिसका उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. जाकिर हुसैन ने किया था और लाला हंसराज, मेयर दिल्ली, स्वागत समिति के अध्यक्ष थे।
ये राष्ट्रीय एकता दिवस 30 जनवरी, 1957 से लगातार राजघाट पर आयोजित करते आ रहे हैं। ये समय-समय पर टेलीविज़न तथा आॅल इंडिया रेडियो पर वार्ताएं करते रहे हैं तथा हिंदी-अंग्रेज़ी के समाचार पत्रों में लेख भी लिखते रहे हैं।

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राधेश्याम जी का जन्म मुजफ्रपफरनगर ;उ.प्र.द्ध, गांव काकड़ा में 1 अक्टूबर 1931 को हुआ। वह राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्रा में सक्रिय रहे हैं तथा आपका समाजवादी चिंतन रहा है। कार्ल माक्र्स, गांधी, स्वामी विवेकानंद और अंबेडकर से वह प्रभावित रहे हैं। वह जन-आंदोलनों की आवाज़ उठाने में हमेशा अग्रणी रहे हैं। वे अनेक संस्थाओं से संबंधित रहे हैं और उनके निर्माण में उनका विशेष योगदान रहा है।
आप इंस्टीट्यूट आॅपफ ट्रेड एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ;1975द्ध के निदेशक के रूप में लगभग 1500 स्व-निर्मित उद्योगपतियों पर पुस्तकों की संरचना की है, जिनके 21 विभाग हैं। इनका विमोचन समय-समय पर आयोजित, आर्थिक-विकास सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों एवं गवर्नरों द्वारा किया गया था। गुणवत्ता के स्तर पर इन्होंने चार पुस्तकों का संकलन किया है। इन्होंने भामाशाह पर 1986 में पुस्तक लिखी थी, जिसे पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने लोकार्पित किया। इन्होंने राष्ट्रीय एकता पर भारतीय एकता परिषद् संस्था के महासचिव के रूप में 12 अप्रैल, 1969 को राष्ट्रीय एकता प्रदर्शनी लगायी थी, जिसका उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति स्व. डाॅ. जाकिर हुसैन ने किया था और लाला हंसराज, मेयर दिल्ली, स्वागत समिति के अध्यक्ष थे।
ये राष्ट्रीय एकता दिवस 30 जनवरी, 1957 से लगातार राजघाट पर आयोजित करते आ रहे हैं। ये समय-समय पर टेलीविज़न तथा आॅल इंडिया रेडियो पर वार्ताएं करते रहे हैं तथा हिंदी-अंग्रेज़ी के समाचार पत्रों में लेख भी लिखते रहे हैं।

Additional information

Author

Radheyshyam

ISBN

9789352614851

Pages

144

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9352614852