चार दशकों से हिन्दी/अंग्रेजी पत्रकारिता। संपादक ‘स्वदेश’ ग्वालियर, संपादक दैनिक भास्कर, संपादक ‘शुक्रवार’, संपादक पूर्वांचल प्रहरी (असम), जैन टीवी, एन-ई-टीवी के लिए कार्य। सैकड़ों रेडियो नाटक, कहानियां और उपन्यास ‘प्रतिप्रश्न’। 1988-89 में हिन्दी अकादमी में साहित्यिक कृति पुरस्कार से सम्मानित। रेडियो नाटक शृंखला ‘तिराहा’ और टेलिफिल्म ‘छत’ चर्चित। अनेक अनुवादः स्टीफन स्पेन्डर, रवीन्द्रनाथ टैगोर। राजनीतिक लेखन विश्लेषण के अलावा दार्शनिक लेखन के लिए सर्वाधिक चर्चित।
चर्चित कृतियांः
एक भारत श्रेष्ठ भारत (2014 में प्रकाशित), रामकृष्ण परमहंस, दर्शन और व्यक्तित्व, प्रतिप्रश्न (उपन्यास), हस्तक्षेप (दैनिक भास्कर में प्रकाशित संपादकीय), गोंड गांव में जीवन, अब्राह्म लिंकन।
शीघ्र प्रकाश्यः
कबीर, मीरा, भारतीय विदेश नीति के बदलते तेवर
प्रदीप पंडित का नाटक ‘तलाश जीवन की’ एक ऐसा नाटक है जो घर के नजरिये को बदलने और बेटियों के साथ बेटों की सहयात्र की मांग करता है और उसे ही विकास मानता है। इसके दृश्य, संवाद और कथ्य से गुजरते हुए आप अन्तर सामाजिक परिवर्तन के पक्ष में हो जाते हैं।
इस नाटक में बालिकाओं की सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करने हेतु जागरूकता को बढ़ावा दिया गया है, क्योंकि ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना का उद्देश्य बालिका लिंग अनुपात में हो रही गिरावट को सुधारना और महिलाओं के सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों को बढ़ावा देना है, ताकि महिलाओं की जीवन शैली और स्तर में रचनात्मक सुधार लाया जा सके।