काशी— सांस्कृतिक नगरी है। इसे यदि हम लघु ब्रह्मांड कहें तो गलत न होगा। इसे विश्व की प्राचीनतम जीवित नगरी के रूप में भी जाना जाता है। इस नगरी के बारे में तमाम तरह की उक्तियां भी प्रचलित हैं, जैसेµ‘सनातन धर्मियों द्वारा जिस उत्कट प्रेम की अभिव्यक्ति हुई, उसमें बाबा श्री विश्वनाथ की नगरी, मोक्षदायिनी काशी, शिव के त्रिशूल पर बसी तीन लोक से न्यारी काशी’ आदि उक्तियां ज्यादा प्रचलित हैं। प्राच्य विद्या एवं पुरातत्व वैज्ञानिकों के अनुसार, काशी वह प्राचीनतम नगरी है, जहां कला-कौशल, पांडित्य एवं धार्मिक अनुष्ठानों की सांस्कृतिक धारा अविच्छिन्न रूप से प्रवाहित होती रहती है।
Kaashi Ek Sanskratik Viraasat
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काशी— सांस्कृतिक नगरी है। इसे यदि हम लघु ब्रह्मांड कहें तो गलत न होगा। इसे विश्व की प्राचीनतम जीवित नगरी के रूप में भी जाना जाता है। इस नगरी के बारे में तमाम तरह की उक्तियां भी प्रचलित हैं, जैसेµ‘सनातन धर्मियों द्वारा जिस उत्कट प्रेम की अभिव्यक्ति हुई, उसमें बाबा श्री विश्वनाथ की नगरी, मोक्षदायिनी काशी, शिव के त्रिशूल पर बसी तीन लोक से न्यारी काशी’ आदि उक्तियां ज्यादा प्रचलित हैं। प्राच्य विद्या एवं पुरातत्व वैज्ञानिकों के अनुसार, काशी वह प्राचीनतम नगरी है, जहां कला-कौशल, पांडित्य एवं धार्मिक अनुष्ठानों की सांस्कृतिक धारा अविच्छिन्न रूप से प्रवाहित होती रहती है।
Additional information
Author | Neera Verma |
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ISBN | 9789352963577 |
Pages | 198 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352963571 |