Product Description
आओ प्रेम की एक झील में नौका-विहार करें। और ऐसी झील मनुष्य के इतिहास में दूसरी नहीं है, जैसी झील मीरा है। मानसरोवर भी उतना स्वच्छ नहीं। और हंसों की ही गति हो सकेगी मीरा की इस झील में। हंस बनो, तो ही उतर सकोगे इस झील में। हंस न बने तो न उतर पाओगे। हंस बनने का अर्थ हैः मोतियों की पहचान आंख में हो, मोती की आकांक्षा हृदय में हो। हंसा तो मोती चुगे! कुछ और से राजी मत हो जाना। क्षुद्र से जो राजी हो गया, वह विराट को पाने में असमर्थ हो जाता है। नदी-नालों का पानी पीने से जो तृप्त हो गया, वह मानसरोवरों तक नहीं पहुंच पाता_ जरूरत ही नहीं रह जाती। मीरा की इस झील में तुम्हें निमंत्रण देता हूं। मीरा नाव बन सकती है। मीरा के शब्द तुम्हें डूबने से बचा सकते हैं। उनके सहारे पर उस पार जा सकते हो।
About The Author
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक में संत मीरा बाई के जीवन, उनकी भक्ति, और राम के प्रति उनके अनन्य प्रेम पर चर्चा की गई है। इसमें उनकी भक्ति की गहराई और त्याग को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है।
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक में मीरा बाई के भजनों की क्या महत्ता है?
इस पुस्तक में मीरा बाई के भजनों को आत्मा की पुकार और ईश्वर के प्रति उनकी प्रेमपूर्ण भक्ति का प्रतीक बताया गया है। “मैंने राम रतन धन पायो” उनके सबसे प्रसिद्ध भजनों में से एक है, जो उनके अद्वितीय समर्पण को दर्शाता है।
क्या “मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक में मीरा बाई के जीवन के संघर्षों का उल्लेख है?
हां, “मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक में मीरा बाई के जीवन के संघर्षों, उनकी समाज से विद्रोह और उनके अनन्य राम भक्ति की यात्रा का गहराई से वर्णन किया गया है।
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक किस प्रकार मीरा बाई की भक्ति को नए सिरे से समझाती है?
यह पुस्तक मीरा बाई की भक्ति को उनके समय और समाज की चुनौतियों के संदर्भ में नए दृष्टिकोण से समझाती है, जिसमें उनके अनन्य प्रेम और त्याग को केंद्र में रखा गया है।
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक के लेखक ने मीरा बाई की भक्ति को किस प्रकार से प्रस्तुत किया है?
लेखक ने मीरा बाई की भक्ति को दिव्य प्रेम और त्याग के रूप में प्रस्तुत किया है, जो सांसारिक बंधनों से परे है और उनके जीवन के प्रत्येक पहलू में राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
“मीरा दीवानी पर चर्चा सुहानी: मैंने राम रतन धन पायो” पुस्तक में राम रतन की क्या व्याख्या है?
इस पुस्तक में “राम रतन” को आध्यात्मिक धन के रूप में परिभाषित किया गया है, जो मीरा बाई को उनकी भक्ति और समर्पण के परिणामस्वरूप प्राप्त हुआ। यह उनके जीवन का सबसे मूल्यवान खजाना था।