देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मामलों में एक नया घोटाला हमारे सामने आया है जिसका ताजा उदाहरण ‘पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक’ में हुए घोटाले के संदर्भ में देख सकते हैं। इस बैंक को पिछले दस वर्षों में यानी 2008 से अबतक करीब 4000 करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। दरअसल, घोटाले का प्रमुख कारण बैंक द्वारा एच.डी.आई.एल. कंपनी को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ में से 6500 करोड़ का कर्ज दिया जाना था। यानी बैंक ने अपने कुल कर्ज का 75 प्रतिशत पैसा एक ही कंपनी को दे दिया था। बैंक को इस बात का संज्ञान था कि कंपनी की माली हालत ठीक नहीं है फिर भी उसने ट्टण दिया। खास बात यह है कि बैंक ने यह लेनदेन रिजर्व बैंक से भी छुपाकर रखा। काफी समय बाद बैलेंस सीट देखने पर रिजर्व बैंक को इस घोटाले का पता चला। यह पुस्तक इस घोटाले को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत कर रही है। उम्मीद है हमारा यह प्रयास पाठकों को पसंद आएगा।
Kya Hua? PMC Ghotala – (क्या हुआ? PMC घोटाला)
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देश में बढ़ रहे भ्रष्टाचार के मामलों में एक नया घोटाला हमारे सामने आया है जिसका ताजा उदाहरण ‘पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक’ में हुए घोटाले के संदर्भ में देख सकते हैं। इस बैंक को पिछले दस वर्षों में यानी 2008 से अबतक करीब 4000 करोड़ से भी ज्यादा का नुकसान हो चुका है। दरअसल, घोटाले का प्रमुख कारण बैंक द्वारा एच.डी.आई.एल. कंपनी को अपने कुल कर्ज 8,880 करोड़ में से 6500 करोड़ का कर्ज दिया जाना था। यानी बैंक ने अपने कुल कर्ज का 75 प्रतिशत पैसा एक ही कंपनी को दे दिया था। बैंक को इस बात का संज्ञान था कि कंपनी की माली हालत ठीक नहीं है फिर भी उसने ट्टण दिया। खास बात यह है कि बैंक ने यह लेनदेन रिजर्व बैंक से भी छुपाकर रखा। काफी समय बाद बैलेंस सीट देखने पर रिजर्व बैंक को इस घोटाले का पता चला। यह पुस्तक इस घोटाले को एक कहानी के रूप में प्रस्तुत कर रही है। उम्मीद है हमारा यह प्रयास पाठकों को पसंद आएगा।
Additional information
Author | Himanshu Sharma |
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ISBN | 9789352969616 |
Pages | 208 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352969618 |