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Gurjaron Ka Shahi Rajya : Ek Gouravshali Itihaas (550-1300 Esive) (गुर्जरों का शाही राज्य एक गौरवशाली इतिहास 550-1300 ईस्वी)

450.00

कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी की प्रतिभा और उपलब्धियां अनेक क्षेत्रों में विशिष्ट रही। वह एक प्रख्यात वकील, संविधान निर्माताओं में से एक और अनुभवी प्रवक्ता रहे। अपने विद्यार्थी जीवन में वह श्री अरविन्दो से प्रेरित होकर, उत्साह से स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और अनेक स्तरों पर उन्होंने जिन्ना, तिलक, एनी बेसेंट, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पंडित नेहरू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया। अपनी सेवाओं के कारण वह १९३७ में बाम्बे में गृह मंत्री बने, पुलिस कार्रवाई से पहले वह हैदराबाद में भारतीय एजेंट जनरल रहे, वह भारतीय खाद्य मंत्री भी रहे और बाद में उत्तर प्रदेश के गवर्नर के रूप में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा और निश्चयात्मक दृढ़ शक्ति का परिचय दिया।
उल्लेखनीय है कि वह आधुनिक गुजराती साहित्य के सर्वश्रेष्ठ लेखक रहे। गुजराती में उनका साहित्यिक योगदान अत्यन्त विस्तृत और विविधतापूर्ण रहा, जिसमें अनेक उपन्यास, नाटक, संस्मरण और इतिहास आदि शामिल रहे। इसके साथ उन्होंने अंग्रेजी में भी अनेक ऐतिहासिक कृतियों की रचना की, जिनमें से ‘गुजरात और उसका इतिहास, साम्राज्यवादी गुर्जर, भगवत् गीता और आधुनिक जीवन, जीवन की सृर्जनात्मक कला और बद्रीनाथ की ओर’ इत्यादि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
डॉक्टर मुंशी ने यह पुस्तक मूल रूप में अंग्रेजी में लिखी थी। जिसमें डॉ. मुंशी ने अनेकों रहस्यों से पर्दा उठाया है। उनकी लेखनी के जादू से देश के सभी लोग लाभान्वित हो सकें और गुर्जर समाज को भारतीय राष्ट्रीय इतिहास में उचित सम्मान मिल सके, इसी दृष्टिकोण से इस पुस्तक को हिंदी में प्रकाशित कराया जा रहा है। मेरा विचार है कि इससे देश की युवा पीढ़ी को निश्चित रूप से गुर्जर समाज के बलिदानी इतिहास के बारे में जानने-समझने का अवसर उपलब्ध होगा।

Additional information

Author

K.M. Munshi, R.R. Diwakar, Dr. Jasvindar Kaur Bindra

ISBN

9789354867644

Pages

32

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9354867642

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ISBN 10

9354867642

कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी की प्रतिभा और उपलब्धियां अनेक क्षेत्रों में विशिष्ट रही। वह एक प्रख्यात वकील, संविधान निर्माताओं में से एक और अनुभवी प्रवक्ता रहे। अपने विद्यार्थी जीवन में वह श्री अरविन्दो से प्रेरित होकर, उत्साह से स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और अनेक स्तरों पर उन्होंने जिन्ना, तिलक, एनी बेसेंट, महात्मा गांधी, सरदार पटेल और पंडित नेहरू के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य किया। अपनी सेवाओं के कारण वह १९३७ में बाम्बे में गृह मंत्री बने, पुलिस कार्रवाई से पहले वह हैदराबाद में भारतीय एजेंट जनरल रहे, वह भारतीय खाद्य मंत्री भी रहे और बाद में उत्तर प्रदेश के गवर्नर के रूप में भी उन्होंने अपनी प्रतिभा और निश्चयात्मक दृढ़ शक्ति का परिचय दिया।
उल्लेखनीय है कि वह आधुनिक गुजराती साहित्य के सर्वश्रेष्ठ लेखक रहे। गुजराती में उनका साहित्यिक योगदान अत्यन्त विस्तृत और विविधतापूर्ण रहा, जिसमें अनेक उपन्यास, नाटक, संस्मरण और इतिहास आदि शामिल रहे। इसके साथ उन्होंने अंग्रेजी में भी अनेक ऐतिहासिक कृतियों की रचना की, जिनमें से ‘गुजरात और उसका इतिहास, साम्राज्यवादी गुर्जर, भगवत् गीता और आधुनिक जीवन, जीवन की सृर्जनात्मक कला और बद्रीनाथ की ओर’ इत्यादि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
डॉक्टर मुंशी ने यह पुस्तक मूल रूप में अंग्रेजी में लिखी थी। जिसमें डॉ. मुंशी ने अनेकों रहस्यों से पर्दा उठाया है। उनकी लेखनी के जादू से देश के सभी लोग लाभान्वित हो सकें और गुर्जर समाज को भारतीय राष्ट्रीय इतिहास में उचित सम्मान मिल सके, इसी दृष्टिकोण से इस पुस्तक को हिंदी में प्रकाशित कराया जा रहा है। मेरा विचार है कि इससे देश की युवा पीढ़ी को निश्चित रूप से गुर्जर समाज के बलिदानी इतिहास के बारे में जानने-समझने का अवसर उपलब्ध होगा।

ISBN10-9354867642