भारती का सपूत हिन्दी निर्माताओं में से एक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के जीवन पर आधारित अत्यन्त रोचक और मौलिक रचना है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को आधुनिक हिन्दी का पितामह माना जाता है। महाकवि जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ ने उन्हें ‘भारती का सपूत’ कहा था। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में जब भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हुए, तब अवधी और ब्रजभाषा से बाहर निकलकर दैनंदिनं प्रयोग की सरल खड़ी बोली का निर्माण हो रहा था। भारतेन्दु ने विविध प्रकार की रचनाएँ देकर इसको गति प्रदान की और इसका भावी स्वरूप सुनिश्चित किया। धनी परिवार की सन्तान भारतेन्दु सामन्ती जीवन की सभी अच्छाइयों और बुराइयों का शिकार थे। वे 34 वर्ष की अल्प आयु में तपेदिक से दिवंगत हो गए, परन्तु इतने समय में ही उन्होंने इतना कुछ कर दिया जो आज तक चला आ रहा है। भारतेन्दु का व्यक्तित्व भी बड़ा रंगीला और रोचक था। लेखक रांगेय राघव इतिहास के गहरे विद्वान् और आग्रही थे, इसलिए उनका उपन्यास ‘भारती का सपूत’ अपना चित्रण पठनीय होने के साथ ही इतिहास सम्मत और सत्य के बहुत समीप है।
Bharti Ka Saput : Bhartendu Harishchandra Ke Jeevan Per Aadharit Upanyas (भारती का सपूत : भारतेंदु हरिश्चंद्र के जीवन पर आधारित उपन्यास)
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भारती का सपूत हिन्दी निर्माताओं में से एक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के जीवन पर आधारित अत्यन्त रोचक और मौलिक रचना है। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को आधुनिक हिन्दी का पितामह माना जाता है। महाकवि जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’ ने उन्हें ‘भारती का सपूत’ कहा था। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य में जब भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हुए, तब अवधी और ब्रजभाषा से बाहर निकलकर दैनंदिनं प्रयोग की सरल खड़ी बोली का निर्माण हो रहा था। भारतेन्दु ने विविध प्रकार की रचनाएँ देकर इसको गति प्रदान की और इसका भावी स्वरूप सुनिश्चित किया। धनी परिवार की सन्तान भारतेन्दु सामन्ती जीवन की सभी अच्छाइयों और बुराइयों का शिकार थे। वे 34 वर्ष की अल्प आयु में तपेदिक से दिवंगत हो गए, परन्तु इतने समय में ही उन्होंने इतना कुछ कर दिया जो आज तक चला आ रहा है। भारतेन्दु का व्यक्तित्व भी बड़ा रंगीला और रोचक था। लेखक रांगेय राघव इतिहास के गहरे विद्वान् और आग्रही थे, इसलिए उनका उपन्यास ‘भारती का सपूत’ अपना चित्रण पठनीय होने के साथ ही इतिहास सम्मत और सत्य के बहुत समीप है।
About the Author
ISBN10-9355990960
Additional information
Author | Rangeya Raghav |
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ISBN | 9789355990969 |
Pages | 248 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
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ISBN 10 | 9355990960 |