ऋषि सुनक भारतीय मूल के एक ब्रिटिश राजनेता हैं, जिन्होंने 25 अक्टूबर 2022 से यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री के रूप में पद भार संभाला है। वे 24 अक्टूबर 2022 को कंजरवेटिव पार्टी के नेता चुने गए। सुनक ने 2020 से 2022 तक राजकोष के चांसलर और 2019 से 2020 तक ट्रेजरी के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया, और वह 2015 से रिचमंड (यॉर्क) के लिए संसद सदस्य (सांसद) रहे हैं।
ऋषि सुनक ने भारत और ब्रिटेन की इतिहास की किताबों में अपना नाम शामिल करा लिया है। इससे पहले कि उन्हें यह दिखाने का मौका मिले कि वह किस तरह की विरासत छोड़ेंगे, वे बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले एक संभावित प्रश्न हो गए हैं जिसका उत्तर न बता सकने वाला अमिताभ बच्चन के साथ ‘कौन बनेगा करोड़पति’ खेल न जीत पायेगा।
उनके भारतवंशी होने के कारण और भारत के एक प्रमुख टेक्नोक्रेट के चिरंजीव जामाता (दामाद) होने के कारण हमारी उनके बारे में विस्तार से जानने की इच्छा है। हम सब की जिज्ञासा को किसी हद तक दूर करने के लिए प्रस्तुत की गई इस पुस्तक में आपको एक ऐसी कहानी मिलेगी जो भारत और भारत से बाहर रहने वाले सभी युवक-युवतियों को अपनी कहानी सी लगेगी। प्रेरणा भी इससे मिलेगी और आगे बढ़ने के लिए मार्ग दर्शन भी। ऋषि लिए मार्ग दर्शन भी। ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति (नम्मा हुडुगी – हमारी बेटी) की इस अक्षत कहानी को हिंदी में पहली बार प्रकाशित किया गया है।
About Author
हिंदी और अंग्रेजी दोनों में डॉक्टरेट और चार विषयों में एम.ए. के साथ ही एम.फिल. (दो स्वर्ण पदक), एम.एड., पी.जी.डी.टी.ई. (सी.आई.एफ.एल.) आदि शैक्षणिक उपाधिधारक। देश के पाँच नगरों और विश्वविद्यालयों (हरिद्वार, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, भोपाल) और अफ्रीका (गैरयूनिस, बेनगाजी, वोलेगा-निक्मत, अरबा मींच) के 4 विश्वविद्यालयों में अंग्रेजी भाषा शिक्षण (ई.एल.टी.) और अंग्रेजी साहित्य के विशेषज्ञ प्रोफेसर के रूप में लगभग चार दशकों तक कार्य। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों में सक्रिय भागेदारी। 56 अंग्रेजी शोध-पत्रों का प्रकाशन। हिंदी और अंग्रेजी में समान गति से पुस्तकाकार लेखन भी। 2022 तक 50 पुस्तकों का लेखन। अकादमिक पुस्तकों के अतिरिक्त नेल्सन मंडेला, नादिया मुराद, जाक देरिदा, मुंशी प्रेमचंद, गौरी दत्त, नरेंद्र मोदी, राम नाथ कोविंद, रमेश पोखरियाल निशंक और कमला हैरिस आदि पर एकाधिक अंग्रेजी- हिंदी पुस्तकें देश-विदेश के प्रतिष्ठित प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित। दक्षिण की साहित्यिक पत्रकारिता और रचनाकारों में जान-पहचान और यथायोग्य प्रतिष्ठा ।