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Sauda Char Bisi Ka Tatha Anya Kahaniyan (सौदा चार बीसी का तथा अन्य कहानियां)

200.00

‘सौदा चार बीसी का’ असीम अखंडित प्रेम की कहानी, पति – पत्नी के बीच की। हिमांशु जी, जीवन में प्रेम को विशेष महत्त्व देते हैं, वह भी वियोग पक्ष को। यह विरह पक्ष था । ऐसे ही विछोह के किनारे लगती हुई स्थिति, जिसका बड़ा रूप देखें तो उनके उपन्यास ‘तुम्हारे लिए’ में मिलेगा।
– मैत्रेयी पुष्पा
वरिष्ठ कथाकार

About the Author

नाम :- हिमांशु जोशी
जन्म :- 4 मई, 1935, उत्तराखंड।
कृतित्व :- यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं- ‘अंततः तथा अन्य कहानियाँ’, ‘मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जलते हुए डेने तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सागर तट के शहर, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ आदि।
प्रमुख उपन्यास हैं :- ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, ‘सुराज’। वैचारिक संस्मरणों में ‘उत्तर – पर्व’ एवं ‘आठवां सर्ग’ तथा कविता-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष’ उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएं’, ‘नार्वे : सूरज चमके आधी रात’ यात्रा-वृतांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी ‘यातना शिविर में’ भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएं अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियां सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियां प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत।
स्मृति शेष :- 23 नवम्बर, 2018 दिल्ली।

 

Additional information

Author

Himanshu Joshi

ISBN

9789359640013

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359640018?ref=myi_title_dp

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https://www.flipkart.com/sauda-char-bisi-ka-tatha-anya-kahaniyan-hindi/p/itmbf2e2ddb3bf7b?pid=9789359640013

ISBN 10

9359640018

‘सौदा चार बीसी का’ असीम अखंडित प्रेम की कहानी, पति – पत्नी के बीच की। हिमांशु जी, जीवन में प्रेम को विशेष महत्त्व देते हैं, वह भी वियोग पक्ष को। यह विरह पक्ष था । ऐसे ही विछोह के किनारे लगती हुई स्थिति, जिसका बड़ा रूप देखें तो उनके उपन्यास ‘तुम्हारे लिए’ में मिलेगा।
– मैत्रेयी पुष्पा
वरिष्ठ कथाकार

About the Author

नाम :- हिमांशु जोशी
जन्म :- 4 मई, 1935, उत्तराखंड।
कृतित्व :- यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं- ‘अंततः तथा अन्य कहानियाँ’, ‘मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जलते हुए डेने तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सागर तट के शहर, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ आदि।
प्रमुख उपन्यास हैं :- ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, ‘सुराज’। वैचारिक संस्मरणों में ‘उत्तर – पर्व’ एवं ‘आठवां सर्ग’ तथा कविता-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष’ उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएं’, ‘नार्वे : सूरज चमके आधी रात’ यात्रा-वृतांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी ‘यातना शिविर में’ भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएं अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियां सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियां प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत।
स्मृति शेष :- 23 नवम्बर, 2018 दिल्ली।

 

ISBN10-9359640018

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