Sandhya Bela : Kahaniyan Aur Lekh Sangrah (संध्या बेला : कहानियां और लेख संग्रह)
₹200.00
- About the Book
- Book Details
‘संध्या बेला’ पुस्तक अपने आप में कहानी एवम् लेखों का एक अनूठा संग्रह है जिसमें लेखिका श्रीमती रामेश्वरी चंद्रा ने जीवन के अनेकों अनुभवों को बखूबी वर्णित किया है। पुस्तक पढ़ते हुए ऐसा प्रतीत होता है जैसे सारी घटनाएँ आपके सामने हो रही हों। चरित्रों के चित्रण बहुत ही वास्तविक एवम् जीवंत लगते हैं।
मानव-मन के अहसास, भावनाएँ, उनका मर्म, दुख तकलीफ, आकाक्षाएँ व अपेक्षाएँ मन को छूने वाली हैं। समाज की कुछ कुरीतियाँ जैसे भ्रष्टाचार, दहेज-प्रथा, झूठा दिखावा, अलगाव, संबंधों में उदासीनता आदि का भी दर्शन मिलता है। वृद्धावस्था में अपनी ही औलाद का विमुख होना, आत्मीयता व सामीप्य का रिक्त रह जाना, अकेलेपन व शून्यता का अहसास बहुत ही बारीकी से पाठकों के समक्ष रखा है।
बच्चों के लिए हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी कहानियाँ बाल-मन के हर्ष उल्लास, बेफिक्री, जिद्द व कहना ना मानने के साथ की गई नासमझी का व्याख्यान करती हुईं हैं। साथ ही शिक्षा देते हुए सही मार्ग पर उन्नत रहने की प्रेरणा भी देती हैं।
हिन्दी व अंग्रेजी के लेख भी समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के दायित्व को प्राथमिकता देते हुए तथा त्योहारों के सही शिक्षा संदेश व सच्चाई व शिष्टता की आवश्यकता बताते हुए आदर्श समाज की परिकल्पना करते हुए आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करने वाले हैं।
Additional information
Author | Rameshwari Chandra |
---|---|
ISBN | 9789359642994 |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Junior Diamond |
Amazon | |
Flipkart | |
ISBN 10 | 9359642991 |
‘संध्या बेला’ पुस्तक अपने आप में कहानी एवम् लेखों का एक अनूठा संग्रह है जिसमें लेखिका श्रीमती रामेश्वरी चंद्रा ने जीवन के अनेकों अनुभवों को बखूबी वर्णित किया है। पुस्तक पढ़ते हुए ऐसा प्रतीत होता है जैसे सारी घटनाएँ आपके सामने हो रही हों। चरित्रों के चित्रण बहुत ही वास्तविक एवम् जीवंत लगते हैं।
मानव-मन के अहसास, भावनाएँ, उनका मर्म, दुख तकलीफ, आकाक्षाएँ व अपेक्षाएँ मन को छूने वाली हैं। समाज की कुछ कुरीतियाँ जैसे भ्रष्टाचार, दहेज-प्रथा, झूठा दिखावा, अलगाव, संबंधों में उदासीनता आदि का भी दर्शन मिलता है। वृद्धावस्था में अपनी ही औलाद का विमुख होना, आत्मीयता व सामीप्य का रिक्त रह जाना, अकेलेपन व शून्यता का अहसास बहुत ही बारीकी से पाठकों के समक्ष रखा है।
बच्चों के लिए हिन्दी व अंग्रेजी में लिखी कहानियाँ बाल-मन के हर्ष उल्लास, बेफिक्री, जिद्द व कहना ना मानने के साथ की गई नासमझी का व्याख्यान करती हुईं हैं। साथ ही शिक्षा देते हुए सही मार्ग पर उन्नत रहने की प्रेरणा भी देती हैं।
हिन्दी व अंग्रेजी के लेख भी समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के दायित्व को प्राथमिकता देते हुए तथा त्योहारों के सही शिक्षा संदेश व सच्चाई व शिष्टता की आवश्यकता बताते हुए आदर्श समाज की परिकल्पना करते हुए आदर्श जीवन जीने के लिए प्रेरित करने वाले हैं।
ISBN10-9359642991
Related products
-
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics
₹175.00Original price was: ₹175.00.₹174.00Current price is: ₹174.00. Add to cart