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Tao Upnishad 3 (ताओ उपनिषद 3)

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ताओ उपनिषद 3 ताओ दर्शन के गहन सिद्धांतों और ध्यान के माध्यम से आत्मज्ञान प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह पुस्तक ताओ की शिक्षाओं को सरल भाषा में प्रस्तुत करती है, जिससे पाठक जीवन के गहरे अर्थ और आंतरिक संतुलन प्राप्त कर सकते हैं। पूर्वी दर्शन का यह अनूठा अध्ययन मानसिक और आत्मिक विकास की ओर प्रेरित करता है।

ISBN: 8128820699 ISBN10-8128820699

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Tao Upnishad 3 (ताओ उपनिषद 3)
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Tao Upnishad 3 (ताओ उपनिषद 3)

पुस्तक के बारे में

**”पृथ्वी पर जितने जानने वाले लोग हुए हैं, उन सबमें लाओत्से बहुत अद्वितीय हैं।

  • ओशो**

चीन की रहस्यमयी ताओ परंपरा के उद्गाता लाओत्से के वचनों पर ओशो के इन प्रस्तुत प्रवचनों के मुख्य विषय-बिंदु:

  • झुकने, खाली होने व मिटने की कला।
  • अस्तित्व के बेबूझ व अनकहे रहस्य।
  • संस्कृति से गुजर कर नियमों में वापसी।
  • युद्ध अनिवार्य हो तो क्या करें?”**

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

ताओ उपनिषद भाग-3 का मुख्य उद्देश्य क्या है?

ताओ उपनिषद भाग-3 का उद्देश्य ताओ और उपनिषद के विचारों के माध्यम से आत्मिक ज्ञान की खोज और आंतरिक शांति को प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन देना है।

ताओ उपनिषद भाग-3 में किन प्रमुख विषयों पर चर्चा की गई है?

ताओ उपनिषद भाग-3 में आत्मज्ञान, जीवन की सच्चाई, ध्यान, और संतुलन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई है।

ताओ उपनिषद भाग-3 में ताओ और उपनिषद के कौन से सिद्धांत प्रमुख हैं?

ताओ उपनिषद भाग-3 में ताओ की सहजता और उपनिषद के ज्ञान के सिद्धांतों को प्रमुखता से समझाया गया है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करते हैं।

ताओ उपनिषद भाग-3 में ध्यान का क्या महत्व है?

ताओ उपनिषद भाग-3 में ध्यान को आंतरिक शांति और आत्मज्ञान की ओर जाने का एक महत्वपूर्ण साधन बताया गया है, जिससे मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

क्या ताओ उपनिषद भाग-3 का अध्ययन करने के लिए कोई विशेष ज्ञान आवश्यक है?

नहीं, ताओ उपनिषद भाग-3 का अध्ययन किसी भी व्यक्ति के लिए सुलभ है, भले ही उसके पास आध्यात्मिकता का पूर्व ज्ञान न हो।

ताओ उपनिषद भाग-3 में आत्मज्ञान को कैसे परिभाषित किया गया है?

ताओ उपनिषद भाग-3 में आत्मज्ञान को स्वयं की गहन समझ और जीवन की वास्तविकता के अनुभव के रूप में परिभाषित किया गया है, जो ध्यान और आत्मचिंतन से प्राप्त होता है।

Additional information

Weight 540 g
Dimensions 19.8 × 12.9 × 0.2 cm
Author

Osho

ISBN

9790000000000

Pages

428

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128820699

ISBN : 9788128820694 SKU 9788128820694 Categories , , Tags ,

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