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मां

175.00

जिस प्रकार ब्रह्माण्‍ड के गहर अंधकार के गर्भ से सृष्टि का सृजन नव-ग्रहों के रूप में हुआ है ठीक वैसे ही मनुष्‍य के जीवन का सृजन भी मां के गर्भ में नौ महीनों के अंतराल में होता है। और ये नौ महीने नवरात्रि के समान होते हैं जिसमें आत्‍मा शरीर धारण करती है। लेखक मां ऐसा चेहरा आपके सामने लाना चाहता था, जिसमें मां का प्रतिबिम्‍ब भी साफ नजर आए। इस प्रयास में लेखक कहां तक सफल हुआ? यह आपको बताना है।

Additional information

Author

Tarun Engineer

ISBN

9790000000000

Pages

296

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128821318

जिस प्रकार ब्रह्माण्‍ड के गहर अंधकार के गर्भ से सृष्टि का सृजन नव-ग्रहों के रूप में हुआ है ठीक वैसे ही मनुष्‍य के जीवन का सृजन भी मां के गर्भ में नौ महीनों के अंतराल में होता है। और ये नौ महीने नवरात्रि के समान होते हैं जिसमें आत्‍मा शरीर धारण करती है। लेखक मां ऐसा चेहरा आपके सामने लाना चाहता था, जिसमें मां का प्रतिबिम्‍ब भी साफ नजर आए। इस प्रयास में लेखक कहां तक सफल हुआ? यह आपको बताना है।

ISBN10-8128821318

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