Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

ओशो ही ओशो

150.00

In stock

Other Buying Options

‘ओशो ही ओशो- पुस्‍तक दो भागों में प्रकाशित हुई है। प्रथम भाग में ओशो के कुछ संन्‍यासियों, निकट सम्‍बन्धियों और ओशो से जुड़े लोगों के साक्षात्‍कार हैं। ये साक्षात्‍कार हमें एक बुद्ध की उपस्थिति में घटने वाली उस सूक्ष्‍म प्रक्रिया का दर्शन कराते हैं, जिसे अकल्‍पनीय कहा जा सकता है। ढाई हजार वर्ष पहले गौतम बुद्ध की उपस्थिति में, संवेदनशील मनुष्‍यों के हृदयों को जिस ऊर्जा नें तरंगायित किया होगा, वह ऊर्जा इन साक्षात्‍कारों में मौजूद है। इसीलिए ‘ओशो ही ओशो’ पुस्‍तक का ये प्रथम भाग पठनीय भी है संग्रहणीय भी।
इस पुस्‍तक में दिये गये सभी साक्षात्‍कार लीक से हटकर हैं। इसका बहुत बड़ा कारण तो यह है कि साक्षात्‍कार लेने वाला व्‍यक्ति न तो कोई पत्रकार है न पत्रकारिता के व्‍यवसायिक पहलू से जुड़ा कोई लेखक है। साक्षात्‍कार लेनेवाला स्‍वयं ओशो का संन्‍यासी है और उसकी जिज्ञासायें बौदि्धक खुजली जैसी नहीं है। ये साक्षात्‍कार लेखक के अपने ‘स्‍वय’के अनुसंधान को प्रतिबिम्बित करते हैं।
‘ओशो ही ओशो’ के उतरादर्ध में स्‍वामी ज्ञान भेद जिज्ञासुओं को ओशो कम्‍यून पुणे और अन्‍य आश्रमों की सैर पर ले जाते हैं। ये आश्रम और ध्‍यान केन्‍द्र ही वो घाट हैं जो ओशो में डुबकी लगाने के लिए आमंत्रित करते हैं। स्‍वामी ज्ञानभेद एक कुशल गाइड की तरह सभी स्‍थानों और वहां घटने वाली गतिविधियों का परिचय देते चलते हैं।

ओशो ही ओशो

Additional information

Author

Gyan Bhed

ISBN

817182773X

Pages

160

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

817182773X

SKU 9788171827732 Category

Related Products

Social Media Posts

This is a gallery to showcase images from your recent social posts