उमा कहूं मैं अनुभव अपना

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यह संकलन सद्गुरु की वाणी है जिसमें स्‍वामी जी ने धर्म का वास्‍तविक अर्थ बतलाया कि आत्‍मा को जानने के लिए जो कुछ किया जाए वही धर्म है। धर्म मूल स्‍त्रोत प्रेम है। ब्रह्म में तादात्‍म्‍य का आशीर्वाद और कृपा का स्‍नेह बरसाने वाले सद्गुरु एवं प्राणिमात्र अनुराग ही हमारा सत्‍य और स्‍वाभाविक धर्म है।
यह संकलन मात्र शब्‍दों का समूह नहीं वरन सद्गुरु की ऊर्जा उसका मार्गदर्शन एवं आर्शीवाद है।

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उमा कहूं मैं अनुभव अपना
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उमा कहूं मैं अनुभव अपना

Additional information

Author

Sri Krishna Nand Ji Maharaj

ISBN

8184194390

Pages

152

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8184194390