Chacha Chaudhary Bank Robbery in Hindi (चाचा चौधरी बैंक रॉबरी)-Hardcover
₹299.00 Original price was: ₹299.00.₹298.00Current price is: ₹298.00.
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किताब के बारे में
चाचा चौधरी बैंक रॉबरी भारतीय कॉमिक्स की दुनिया की एक शानदार और रोमांचक कहानी है, जो बच्चों और वयस्कों दोनों को समान रूप से पसंद आती है। यह कहानी एक बड़ी बैंक लूट पर आधारित है, जहां खतरनाक अपराधी बैंक को लूटकर भाग जाते हैं। उनके अपराध से शहर में दहशत फैल जाती है।बैंक लूट की खबर मिलते ही चाचा चौधरी, जो अपनी तेज बुद्धिमत्ता और सूझबूझ के लिए मशहूर हैं, इस मामले को सुलझाने की ठान लेते हैं। चाचा चौधरी अपनी चालाकी भरी योजनाओं से अपराधियों की हर हरकत पर नजर रखते हैं और सुराग इकट्ठे करते हैं।वहीं दूसरी ओर, साबू, जो बृहस्पति का विशाल दानव है, अपनी असीम ताकत से चाचा चौधरी का साथ देता है। जब अपराधियों की चालाकी चाचा चौधरी के दिमागी खेलों से टकराती है, तो कहानी और भी रोमांचक हो जाती है। लुटेरे चाहे जितने चालाक क्यों न हों, चाचा चौधरी की सूझबूझ और साबू की ताकत के आगे वे टिक नहीं पाते।कहानी में हास्य, सस्पेंस और एक्शन का जबरदस्त मिश्रण है। चाचा चौधरी के मजेदार संवाद और साबू के जोशीले कारनामे इसे एक शानदार और प्रेरणादायक कहानी बनाते हैं। यह कहानी पाठकों को यह भी सिखाती है कि मुश्किल समय में संयम, बुद्धिमत्ता और ताकत के साथ काम करना चाहिए।”चाचा चौधरी बैंक रॉबरी” न केवल एक मनोरंजक कहानी है बल्कि यह न्याय, ईमानदारी और अपराध के खिलाफ लड़ाई का भी प्रतीक है। यह कॉमिक्स पाठकों को अंत तक बांधे रखती है और उन्हें यह विश्वास दिलाती है कि बुराई पर अच्छाई की हमेशा जीत होती है।अगर आप चाचा चौधरी की बुद्धिमत्ता और साबू की ताकत के फैन हैं, तो यह रोमांचक कहानी आपको जरूर पसंद आएगी।
लेखक के बारे में
प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।
चाचा चौधरी बैंक रॉबरी की कहानी क्या है
यह कहानी बैंक लूट की घटना पर आधारित है, जहां चाचा चौधरी अपनी बुद्धिमत्ता से अपराधियों का पर्दाफाश करते हैं।
रियल लाइफ में चाचा चौधरी कौन है?
रियल लाइफ में चाचा चौधरी की भूमिका प्रसिद्ध भारतीय टेलीविजन अभिनेता रघुबीर यादव जी ने निभाई है
चाचा चौधरी के प्रकाशक कौन है?
चाचा चौधरी एक भारतीय कॉमिक बुक चरित्र और श्रृंखला है जो प्राण कुमार शर्मा द्वारा बनाई गई है और डायमंड कॉमिक्स द्वारा प्रकाशित है।
चाचा चौधरी लुटेरों को कैसे मात देते हैं?
चाचा चौधरी अपने तेज दिमाग और योजनाओं से लुटेरों की चालों को विफल करते हैं।
चाचा चौधरी कॉमिक्स क्यों पढ़नी चाहिए?
यह रोमांच, सस्पेंस और बुद्धिमत्ता से भरपूर कहानी है, जो पाठकों को पूरी तरह से बांधे रखती है।
Additional information
Weight | 0.320 g |
---|---|
Dimensions | 20.32 × 12.7 × 1.77 cm |
Author | Pran |
Pages | 48 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
प्राण कुमार शर्मा जिन्हें प्राण के नाम से जाना जाता है, एक प्रसिद्ध भारतीय कार्टूनिस्ट थे। इनका जन्म 15 अगस्त, 1938 पंजाब के एक छोटे से कस्बे कसूर में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में स्थित है, जबकि इनका निधन 6 अगस्त 2014 को हुआ था। प्राण को प्रतिष्ठित भारतीय कॉमिक बुक कैरेक्टर ‘चाचा चौधरी’ बनाने के लिए जाना जाता है। लाल पगड़ी और सफेद मूंछों वाला एक अधेड़ उम्र का आदमी बुद्धि, बुद्धिमत्ता और समस्या को सुलझाने की क्षमता के लिए जाना जाता है। जल्द ही यह घर-घर में प्रसिद्ध हो गया। ‘चाचा चौधरी’ की लोकप्रियता को देखते हुए कई भारतीय भाषाओं में इसे प्रकाशित किया गया। प्राण ने बतौर कार्टूनिस्ट अपना करियर 1960 के दशक में शुरू किया था। शुरुआती दौर में वह दिल्ली के एक अखबार मिलाप में काम किया करते थे। बाद में उन्होंने ब्लिट्ज और इंडियन एक्सप्रेस सहित कई बड़े प्रकाशनों के लिए काम किया। साल 1971 में उन्होंने अपनी एक कॉमिक बुक सीरिज शुरू की, जिसमें श्रीमतीजी, बिल्लू और पिंकी जैसे पात्रों को शामिल किया। धीरे-धीरे भारत के हर बच्चे और व्यस्क की जुबान पर इन सभी किरदारों का नाम चढ़ गया। देश में कॉमिक्स को प्रचलित करने के योगदान के लिए प्राण को वर्ष 1999 में भारत का सबसे बड़ा नागरिक पुरुस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वह यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय कार्टूनिस्ट थे। एक कार्टूनिस्ट और हास्य पुस्तक निर्माता के रूप में प्राण की विरासत आज भी उनके पात्रों और अनगिनत पाठकों के माध्यम से जीवित है। आज भी लोग उन कॉमिक्स को पढ़कर आनंदित होते हैं। इसमें दो राय नहीं है कि भारतीय संस्कृति पर उनके महतवपूर्ण कार्यों और योगदानों का प्रभाव काफी गहरा रहा है। प्राण सदैव भारतीय इतिहास में सबसे प्रिय कार्टूनिस्ट के रूप में याद किए जाएंगे।
ISBN10-: 9363244660
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